कभी पसंद आती नहीं। कही ऐसा ना हो की मुझे अपनी मांगी हुई माफी पर पस्तावा हो। कभी पसंद आती नहीं। कही ऐसा ना हो की मुझे अपनी मांगी हुई माफी पर पस्तावा हो।
जिसकी बूंदों से उसे आर्यन की आंखों से नक़ली आंसू निकालने थे। जिसकी बूंदों से उसे आर्यन की आंखों से नक़ली आंसू निकालने थे।